आरा से पटना जाना था। प्लेटफार्म पर एक ट्रेन खड़ी थी। टिकट लेने का समय नहीं मिला। रास्ते में कोई टीटीई भी नहीं आया, जो टिकट बना दे। ट्रेन से उतरते ही पटना के प्लेटफार्म पर काले कोट वालों ने धर लिया। पकड़कर वहां ले जाया गया, जहां टीटीई की भीड़ थी और कई लोग हाथ पैर-जोड़ छोड़ देने की बात कह रहे थे। बाद में रमेश के साथ जो हुआ, वह अमूमन अधिकतर बेटिकट यात्रियों के साथ होता है। टीटीई की झुंड के बीच से ढाई सौ रुपए देकर बाहर आए रमेश ने बताया कि जुर्माना नहीं घूस चलता है।
पटना जंक्शन तो महज एक बानगी है। पटना के अधितर स्टेशनों पर यही हाल है। ट्रेन से अक्सर यात्रा करने वालों का कहना है कि टीटीई जुर्माना वसूलने के बजाए पैसा लेकर छोड़ देते हैं। वह उतने ही लोगों का जुर्माना करते हैं, जिससे उनका टारगेट भी पूरा होता रहे। पूर्व में कई ऐसे आरोपों में पाटलिपुत्र जंक्शन के साथ अन्य स्टेशनों पर तैनात टीटीई पर कार्रवाई भी की जा चुकी है। सीनियर डीसीएम आधार राज का कहना है कि मामला गंभीर है। अगर पैसा लेकर पेनाल्टी नहीं भरा गया है तो दोषी पाए जाने पर कार्रवाई की जाएगी।
क्यों नहीं होती निगरानी
पटना जंक्शन से लेकर अन्य स्टेशनों पर टीटीई की इस मनमानी की निगरानी कौन कर रहा है ये बड़ा सवाल है। यात्री से बदसलूकी के साथ जबरन पैसा वसूली को भी देखने वाला कोई नहीं होता है। यात्री का पर्स लेकर उससे जबरन पैसा निकालने का अधिकार टीटीई को नहीं है लेकिन पटना जंक्शन पर ऐसा हो रहा है।
ऐसे खुली वसूली की पोल
पटना जंक्शन पर दोपहर में आरा की तरफ से एक एक्सप्रेस प्लेटफार्म नंबर एक पर खड़ी होती है। यात्रियों की भीड़ से कई लोगों को टीटीई पकड़ लेते हैं। हर किसी को पकड़कर कमरे में ले जाया जाता है, जहां टीटीई रहते हैं। कमरे में पहुंचते ही यात्रियों पर हर तरह से दबाव बनाया जाता है। डायरी देखकर टीटीई जुर्माने की रकम बताते हैं। कई यात्री जुर्माने की रकम सुनकर डर जाते हैं। टीटीई भी ऐसे लोगों को ही पकड़ते हैं, जो दिखने में गांव के लगते हों। ऐसे लोगों को नियम कानून की जानकारी नहीं होती है।
यात्री ने सुनाई घूस की कहानी
टीटीई की चंगुल से बाहर निकले एक यात्री ने बताया कि वह आरा से आ रहा था। बिना टिकट उसे पकड़ लिया गया। जुर्माने की रकम बहुत अधिक मांगी जा रही थी। खूब दबाव बनाया जा रहा था। जब टीटीई को लगा कि पैसा नहीं दे पाएगा तो बात ढाई सौ रुपए पर फाइनल हो गई। टीटीई ने ढाई सौ रुपए ले लिए। यात्री का कहना है कि इसके लिए कोई रसीद नहीं काटी गयी। वह घूस ही था। पैसा लेते ही बोला गया जल्दी से बाहर निकल जाओ।
पैसे लेकर रसीद नहीं देना गलत है। मामले की जांच के लिए सीनियर डीसीएम को अग्रसारित किया जाएगा।
- संजय कुमार, पीआरओ, दानापुर मंडल