होली पर केमिकल वाले सस्ते रंग कर सकते हैं त्वचा को बदरंग

होली पर हर साल रंगों से जुड़ा एक सवाल अक्सर लोगों को परेशान करता है। सवाल है आखिर कैसे करें असली और अच्छे रंगों की पहचान। कई बार सस्ते रंगों के चक्कर में फंसकर लोग केमिकल वाले रंग घर ले आते हैं। जिसकी वजह से त्वचा और सेहत दोनों को नुकसान पहुंच सकता है। ऐसे में आपको बताते हैं रंगों की खरीदारी करते समय कैसे करें अच्छे रंगों की पहचान।  


पैकेजिंग-
रंग खरीदते समय उसकी पैकेजिंग को ढंग से देखना बिल्कुल न भूलें। इस पर लिखी रंगों को बनाने में उपयोग हुई सामग्रियों को ध्यान से पढ़ लें। अगर पैकेट में लिखा है कि रंग को बनाने के लिए गुलाब, हल्दी, जैसी चीजों का इस्तेमाल हुआ है, तो यह कलर नैचुरल होगा। आप उसे खरीद सकते हैं।


रंगो को चुनाव ध्यान से करें-
अक्सर केमिकल वाले रंगों में स्पार्कल मिला होता है। यही वजह है कि ये रंग दिखने में काफी चमकीले लगते हैं। रंग खरीदते समय आप रंग को हाथ में उठाकर पता लगा सकते हैं कि उसमें स्पार्कल तो नहीं मिला है। नैचुरल कलर हल्के होते हैं। 


पैच टेस्ट-
अगर आप पता करना चाहते हैं कि किस रंग का प्रयोग करने से आपकी त्वचा पर बुरा असर पड़ सकता है तो रंग खरीदने से पहले अपना स्किन पैच टेस्ट कर लें। 


एक्सपायरी डेट जरूर चेक करें -
होली के रंग खरीदते समय पैकेट पर लिखी एक्सपायरी डेट को जरूर देखें। अक्सर प्राकृतिक रंगों की एक्सपायरी डेट 6-7 महीने की होती है।


लैब टेस्ट सर्टिफिकेट-
रंग खरीदते समय ध्यान रखें कि उसके पैकट पर एक लैब टेस्ट सर्टिफिकेट नंबर जरूर लिखा हुआ हो। याद रखें ऑर्गेनिक कलर्स को बनाते समय की गई जांच के बाद उसके पैकेट पर एक लैब टेस्ट सर्टिफिकेट नंबर दर्ज किया जाता है। 


ऑर्गेनिक रंग के फायदे-
-नेचुरल होली कलर्स से होली खेलने पर आपकी स्किन और बाल दोनों पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता।
-अगर होली खेलते समय रंग आपके मुंह में भी चला जाए तो शरीर को नुकसान नहीं पहुंचता।
-नहाने के बाद यह रंग जल्दी से शरीर से उतर जाते हैं।
-इन रंगो की खुशबू अच्छी होती है। ऐसे लोग जिन्हें एलर्जी की वजह से छींके आने लगती है, उनके लिए ऑर्गेनिक कलर्स सबसे बेस्ट हैं।